Search Preview
इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi - Sansar Lochan
sansarlochan.inइंग्लैंड की क्रांति. Glorious Revolution of England in Hindi. क्रांति के कारण (Causes) और परिणाम (Results). विश्व का इतिहास for UPSC, SSC, Railway exam.
.in > sansarlochan.in
SEO audit: Content analysis
Language | Error! No language localisation is found. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
Title | इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi - Sansar Lochan | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Text / HTML ratio | 54 % | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Frame | Excellent! The website does not use iFrame solutions. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Flash | Excellent! The website does not have any flash contents. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Keywords cloud | के की का को में था जेम्स द्वितीय और क्रांति कैथोलिक ने कर – इंग्लैंड गया संसद पर राजा हो | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Keywords consistency |
|
||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Headings |
|
||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Images | We found 9 images on this web page. |
SEO Keywords (Single)
Keyword | Occurrence | Density |
---|---|---|
के | 72 | 3.60 % |
की | 69 | 3.45 % |
का | 47 | 2.35 % |
को | 46 | 2.30 % |
में | 40 | 2.00 % |
था | 34 | 1.70 % |
जेम्स | 31 | 1.55 % |
द्वितीय | 31 | 1.55 % |
और | 27 | 1.35 % |
क्रांति | 22 | 1.10 % |
कैथोलिक | 21 | 1.05 % |
ने | 21 | 1.05 % |
कर | 20 | 1.00 % |
– | 19 | 0.95 % |
इंग्लैंड | 19 | 0.95 % |
गया | 19 | 0.95 % |
संसद | 17 | 0.85 % |
पर | 17 | 0.85 % |
राजा | 17 | 0.85 % |
हो | 16 | 0.80 % |
SEO Keywords (Two Word)
Keyword | Occurrence | Density |
---|---|---|
जेम्स द्वितीय | 30 | 1.50 % |
इंग्लैंड की | 13 | 0.65 % |
द्वितीय ने | 12 | 0.60 % |
in Hindi | 10 | 0.50 % |
हो गया | 9 | 0.45 % |
की क्रांति | 9 | 0.45 % |
क्रांति के | 8 | 0.40 % |
चाहता था | 8 | 0.40 % |
कर दिया | 8 | 0.40 % |
1688 ई | 7 | 0.35 % |
ई में | 7 | 0.35 % |
कैथोलिक धर्म | 6 | 0.30 % |
की स्थापना | 6 | 0.30 % |
राजा की | 6 | 0.30 % |
Ethics Part | 6 | 0.30 % |
सकता था | 5 | 0.25 % |
करना चाहता | 5 | 0.25 % |
था वह | 5 | 0.25 % |
दिया गया | 5 | 0.25 % |
किया गया | 5 | 0.25 % |
SEO Keywords (Three Word)
Keyword | Occurrence | Density | Possible Spam |
---|---|---|---|
जेम्स द्वितीय ने | 12 | 0.60 % | No |
इंग्लैंड की क्रांति | 5 | 0.25 % | No |
जेम्स द्वितीय की | 5 | 0.25 % | No |
न्यायालय की स्थापना | 4 | 0.20 % | No |
विश्वास हो गया | 4 | 0.20 % | No |
करना चाहता था | 4 | 0.20 % | No |
1688 ई की | 4 | 0.20 % | No |
ई की क्रांति | 4 | 0.20 % | No |
अधिकार का प्रयोग | 3 | 0.15 % | No |
फ्रांस के साथ | 3 | 0.15 % | No |
के साथ मैत्री | 3 | 0.15 % | No |
Questions with Answers | 3 | 0.15 % | No |
इंग्लैंड की जनता | 3 | 0.15 % | No |
उन्हें विश्वास हो | 3 | 0.15 % | No |
टेस्ट एक्ट के | 3 | 0.15 % | No |
की क्रांति के | 3 | 0.15 % | No |
स्कॉटलैंड और आयरलैंड | 3 | 0.15 % | No |
धार्मिक न्यायालय की | 3 | 0.15 % | No |
सेना में वृद्धि | 3 | 0.15 % | No |
स्थायी सेना में | 3 | 0.15 % | No |
SEO Keywords (Four Word)
Keyword | Occurrence | Density | Possible Spam |
---|---|---|---|
1688 ई की क्रांति | 4 | 0.20 % | No |
की गौरवपूर्ण क्रांति Glorious | 3 | 0.15 % | No |
Revolution 1688 in Hindi | 3 | 0.15 % | No |
Glorious Revolution 1688 in | 3 | 0.15 % | No |
उन्हें विश्वास हो गया | 3 | 0.15 % | No |
क्रांति Glorious Revolution 1688 | 3 | 0.15 % | No |
गौरवपूर्ण क्रांति Glorious Revolution | 3 | 0.15 % | No |
फ्रांस के साथ मैत्री | 3 | 0.15 % | No |
के साथ मैत्री सम्बन्ध | 3 | 0.15 % | No |
इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति | 3 | 0.15 % | No |
स्थायी सेना में वृद्धि | 3 | 0.15 % | No |
धार्मिक न्यायालय की स्थापना | 3 | 0.15 % | No |
कैथोलिक धर्म का प्रचार | 2 | 0.10 % | No |
विश्वास हो गया कि | 2 | 0.10 % | No |
सुरक्षित सिंहासन प्राप्त हुआ | 2 | 0.10 % | No |
सिंहासन प्राप्त हुआ था | 2 | 0.10 % | No |
Sajiva on July 28 | 2 | 0.10 % | No |
Dr Sajiva on July | 2 | 0.10 % | No |
लोग भयभीत हो गए | 2 | 0.10 % | No |
कैथोलिकों की नियुक्ति की | 2 | 0.10 % | No |
Internal links in - sansarlochan.in
Our Mission- Study Material for Hindi Medium Students. Subscribe Us
Write for us: Useful Hindi Aritcles for UPSC, SSC, Railway and Banking
Contact
Products - Sansar Lochan
Donate - Sansar Lochan
Sansar Editorial - IAS UPSC Articles in Hindi
SANSAR - डेली करंट अफेयर्स in Hindi for IAS/UPSC
[PDF] करंट अफेयर्स - आईएएस, SSC, Banking परीक्षा के लिए
Sansar Current Affairs Quiz for UPSC IAS Exam in Hindi
GK Quiz: सामान्य ज्ञान क्विज- Samanya Gyan in Hindi
Yojana in Hindi - Government Schemes (Month-Wise Collection)
भारत और विश्व का इतिहास: India and World History Notes in Hindi
भूगोल नोट्स: Indian and World Geography Notes in Hindi
Polity Notes in Hindi for UPSC, SSC, Railway & Other Exams
अर्थशास्त्र नोट्स: Economics Notes in Hindi for UPSC, SSC and Banking
संसार मंथन - सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए लेखन-अभ्यास
Basket
UPSC Syllabus मेंस और प्री IAS Syllabus in Hindi
UP (उ. प्र. लोक सेवा आयोग) PSC Pre & Mains Syllabus in Hindi - Sansar Lochan
SSC CHSL Syllabus एसएससी सिलेबस in Hindi - Sansar Lochan
RPSC Syllabus मेंस और प्री RAS Syllabus in Hindi - Sansar Lochan
MPPSC मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग Pre+Mains Syllabus in PDF - Sansar Lochan
JPSC झारखण्ड लोक सेवा आयोग Pre+Mains Syllabus in PDF - Sansar Lochan
Answer Keys Archives - Sansar Lochan
पर्यावरण और जैव विविधता: Environment and Bio-Diversity Notes in Hindi
डाउनलोड NCERT, NIOS, IGNOU की किताबें in Hindi
Science-Tech से सम्बंधित Articles in Hindi - Notes for UPSC
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध: International Relations Notes in Hindi
Economics Notes Archives - Sansar Lochan
Polity Notes Archives - Sansar Lochan
Authors
Video Archives - Sansar Lochan
About Author Sansar Lochan
[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Society GS Paper 1/Part 8 - Sansar Lochan
विमुक्त, घुमन्तू / अर्द्ध घुमन्तू जनजाति - Denotified, Notified, Semi-Nomadic Tribes
Ruchira, Author at Sansar Lochan
[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Society GS Paper 1/Part 7 - Sansar Lochan
Banking Archives - Sansar Lochan
भारत में बैंक विलय और अधिग्रहण का इतिहास - PCA Framework in Hindi
Bitcoin के बारे में Full जानकारी - Mining, Wallet and Types - Sansar Lochan
NPA क्या होता है? Non-Performing Asset in Hindi - Sansar Lochan
SIDBI (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) in Hindi - Sansar Lochan
Open Market Operations क्या है? खुले बाजार का सञ्चालन in Hindi - Sansar Lochan
LAF क्या होता है? LAF meaning in Banking in Hindi - Sansar Lochan
MSF क्या होता है? Marginal Standing Facility in Hindi - Sansar Lochan
M0 M1 M2 M3 M4 मुद्रा की पूर्ति (Money Supply) के मापक - Sansar Lochan
BASEL 3 Norms Tier 1 Tier 2 Meaning in Hindi - Sansar Lochan
World History Archives - Sansar Lochan
यूरोपियन यूनियन (European Union) का विकास और उसके अंग - Sansar Lochan
Babli Gautam, Author at Sansar Lochan
औद्योगिक क्रांति - Industrial Revolution in Hindi - Sansar Lochan
Dr. Sajiva, Author at Sansar Lochan
इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi - Sansar Lochan
बोस्टन की चाय-पार्टी की घटना क्या थी? - Sansar Lochan
जर्मनी का एकीकरण - Unification of Germany in Hindi - Sansar Lochan
यूरोप का पुनर्जागरण - Renaissance in Europe - Sansar Lochan
अमेरिका का स्वतंत्रता-संग्राम - American Revolution - Sansar Lochan
इटली का एकीकरण - Unification of Italy in Hindi - Sansar Lochan
[विश्व इतिहास] फ्रांस की क्रांति - 1789 French Revolution - Sansar Lochan
First World War [1914-18] in Hindi : Explained
History Archives - Sansar Lochan
अजंता की गुफाएँ और चित्रांकन-विधि - The Ajanta Cave Paintings in Hindi
चैत्यगृह का उद्भव, विकास और रूपरेखा - चैत्य और विहार में अंतर
[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 4 - Sansar Lochan
गदर पार्टी के बारे में जानें - Gadar Party 1913 in Hindi - Sansar Lochan
Sansarlochan.in Spined HTML
इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi - Sansar Lochan होमपेज हमारा मिशन लेख आमंत्रित संपर्क करें बुक-स्टोर दान-पेटी Friend on Facebook Follow on Twitter Add to Google+ Circle Connect on Linked in Watch on YouTube Subscribe to RSS Search × Search in Site To search in site, type your keyword and hit enter Close HOME एडिटोरियल करंट अफेयर्स संसार डेली करंट अफेयर्स PDF Quiz संसार वीकली क्विज सामान्य ज्ञान क्विज योजना इतिहास भूगोल पोलिटी अर्थव्यवस्था मंथन Cart सिलेबस UPSC UPPSC SSC CHSL RPSC MPPSC JPSC Answerkey भूगोल पर्यावरण डाउनलोड विज्ञान अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध किताबें इकोनॉमिक्स राजनीति विज्ञान लेखक विडियो पर्यावरण इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi By Dr. Sajiva on July 28, 20174 Comments Share on Facebook Follow on Facebook Add to Google+ Connect on Linked in Subscribe by Email Print This Post Contents1 इंग्लैंड की क्रांति संक्षेप में2 1688 ई. की क्रांति के कारण2.1 जेम्स द्वितीय की धार्मिक नीति2.2 फ्रांस के साथ मैत्री सम्बन्ध2.3 टेस्ट एक्ट के प्रति उदासीनाता2.4 निलंबन और विमोचन के अधिकार का प्रयोग2.5 विश्वविद्यालय में हस्तक्षेप 2.6 धार्मिक न्यायालय की स्थापना2.7 स्थायी सेना में वृद्धि2.8 स्कॉटलैंड और आयरलैंड के प्रति नीति 2.9 चुनाव में हस्तक्षेप2.10 सात पादरियों का मुकदमा 2.11 पुत्र का जन्म3 क्रांति के परिणाम3.1 Share this with your friends:3.2 Related जेम्स द्वितीय 1685 ई. में इंग्लैंड का राजा बना. उसे बहुत सुरक्षित सिंहासन प्राप्त हुआ था. परिस्थिति राजतंत्र के पक्ष में थी. विरोधी दल कुचला जा चूका था. राज्य के प्रति निर्विरोध आज्ञाकारिता का सिद्धांत स्वीकृत हो चूका था. संसद के अधिकांश सदस्य राजा के दैवी अधिकार सिद्धांत के समर्थक थे. जेम्स द्वितीय ने स्वयं ही परिस्थिति को विपरीत बना दिया और उसे अंततोगत्वा गद्दी छोड़कर भागना पड़ा. 1688 ई. में हुए इंग्लैंड की क्रांति को “गौरवपूर्ण क्रांति (Glorious Revolution)” भी कहा जाता है. इंग्लैंड की क्रांति संक्षेप में 1688 ई. की क्रांति जेम्स द्वितीय के शासनकाल में हुई थी. क्रांति के लिए जेम्स द्वितीय ने खुद वातावरण तैयार किया था. उसके कार्यों से सभी दल के लोग असंतुष्ट थे. उन्हें विश्वास हो गया था कि राजा स्वेच्छाचारी शासन की पुनरावृत्ति करना चाहता है. जेम्स द्वितीय रोमन कैथोलिक चर्च की शक्ति को बढ़ाना चाहता था. वह कैथलिकों को राज्य के महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करना चाहता था. वह किसी भी कानून को स्थगित अथवा रद्द करने के अधिकार द्वारा अपनी सत्ता को सर्वोपरि बनाना चाहता था. वह टेस्ट एक्ट को समाप्त करना चाहता था और इसलिए उसने न्यायालय में अपने समर्थक न्यायाधीशों को ही रहने दिया. वह स्थाई सेना की सहायता से विरोधियों पर नियंत्रण रखना चाहता था. इंग्लैंड की जनता जेम्स द्वितीय के क्रूर शासन को इसलिए बर्दास्त कर रही थी कि उसकी मृत्यु के बाद इंग्लैंड में कैथोलिक शासन का अंत होगा. लेकिन जून, 1688 ई में जेम्स द्वितीय की दूसरी कैथोलिक पत्नी से एक पुत्र उत्पन्न हुआ. पुत्र के जन्म ने इंग्लैंड की क्रांति को अवश्यम्भावी बना दिया. लोगों को विश्वास हो गया कि जेम्स द्वितीय की नीति अनंत काल तक चलती रहेगी. इस आशंका से लोग भयभीत हो गए. वे क्रांति द्वारा कैथोलिक शासन के अंत का प्रयास करने लगे. प्रतिकूल परिस्थिति के कारण जेम्स द्वितीय ने गद्दी छोड़ दिया. विलियम तृतीय और मेरी को इंग्लैंड का सम्राट और साम्राज्ञी घोषित किया गया. “अधिकारों का घोषणापत्र” तैयार किया गया. जेम्स द्वितीय के सभी कार्यों को अवैध घोषित किया गया. प्रजा तथा संसद के अधिकारों की पुष्टि की गई. 1688 ई. की क्रांति के कारण 1688 ई. के इंग्लैंड की क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे – जेम्स द्वितीय की धार्मिक नीति जेम्स द्वितीय कट्टर कैथोलिक था. कैथोलिक धर्म के सिधान्तों में उसकी गहरी आस्था थी. वह कैथोलिकों को राज्य के प्रमुख पदों पर नियुक्त करना चाहता था. इस पक्षपात को देखते हुए प्रोटेस्टेंट लोगों ने जेम्स के कार्यों का विरोध करना शुरू कर दिया. विरोधियों का दमन करने के लिए जेम्स द्वितीय ने अनेक कठोर कदम उठाये. हाई कमीशन नामक न्यायालय की स्थापना की गई. कैथोलिक धर्म की आलोचना अथवा निंदा करने का अधिकार किसी को नहीं था. विरोध की परवाह न करते हुए जेम्स द्वितीय ने कैथोलिक धर्म का प्रचार जारी रखा. फ्रांस के साथ मैत्री सम्बन्ध जेम्स द्वितीय का विश्वास था कि आवश्यकता पड़ने पर फ़्रांस का राजा लुई चौदहवाँ उसे सेना और धन से सहायता देगा. इस कारण उसने फ्रांस के साथ मैत्री सम्बन्ध बनाए रखना का पूर्ण रूप से प्रयास किया. उसने रोमन कैथोलिकों की सुविधाएँ प्रदान की और प्रोटेस्टेंट धर्म के अनुयायियों पर घोर अत्याचार किया. इंग्लैंड की प्रोटेस्टेंट जनता इस प्रकार के अत्याचार को सहन नहीं कर सकी. उसने जेम्स द्वितीय का विरोध करना शुरू कर दिया. टेस्ट एक्ट के प्रति उदासीनाता टेस्ट एक्ट के अनुसार केवल अंग्रेजी चर्च के अनुयायियों को ही राज्य कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता था. इस नियम के कारण कैथोलिकों की नियुक्ति नहीं की जा सकती थी. इसलिए जेम्स द्वितीय ने टेस्ट एक्ट को रद्द करने का प्रयास किया लेकिन संसद ने ऐसा करने की अनुमति नहीं दी. इससे असंतुष्ट होकर जेम्स द्वितीय ने संसद को ही स्थगित कर दिया. निलंबन और विमोचन के अधिकार का प्रयोग जेम्स द्वितीय का कहना था कि आवश्यकता होने पर राजा किसी भी नियम को स्थगित अथवा रद्द कर सकता है. इस अधिकार का प्रयोग करके उसने कैथोलिकों के विरुद्ध बने सभी कानूनों को रद्द कर दिया. इंग्लैंड की जनता ने राजा का विरोध किया. विश्वविद्यालय में हस्तक्षेप जेम्स द्वितीय ने विश्वविद्यालय के कार्यों में भी हस्तक्षेप किया. विश्वविद्यालय में बड़े-बड़े पदों पर कैथोलिकों की नियुक्ति की गई. कैंब्रिज विश्वविद्यालय के उप-कुलपति को पदच्युत कर दिया गया था क्योंकि उसने एक कैथोलिक को डिग्री देने से इनकार कर दिया था. ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में भी कैथोलिक धर्म का प्रचार की व्यवस्था की गई. क्रिस्ट चर्च के अध्यक्ष के पद पर एक कट्टर रोमन कैथोलिक को नियुक्त किया गया. विश्वविद्यालय के कार्यों में हस्तक्षेप से भी इंग्लैंड की जनता असंतुष्ट थी. धार्मिक न्यायालय की स्थापना 1686 ई. में जेम्स द्वितीय ने धार्मिक न्यायालय की स्थापना की. इस न्यायालय का मुख्य उद्देश्य पादरियों को राजा की इच्छानुसार कार्य करने के लिए बाध्य करना था. धार्मिक न्यायालय द्वारा कैथोलिक धर्म के विरोधियों को क्रूर सजा दी जाती थी. स्थायी सेना में वृद्धि जेम्स द्वितीय को सुरक्षित सिंहासन प्राप्त हुआ था. उस समय न तो आंतरिक विरोध की संभावना थी और न विदेशी आक्रमण का भय था. फिर भी जेम्स द्वितीय स्थायी सेना में वृद्धि करना चाहता था. सैनिकों में अधिकांश कैथोलिक थे. इससे लोगों का आतंकित होना स्वाभाविक था. उन्हें विश्वास हो गया था कि जेम्स द्वितीय स्थायी सेना की सहायता से स्वेच्छाचारी शासन की स्थापना करेगा और कैथोलिक धर्म का प्रचार-प्रसार करेगा. स्कॉटलैंड और आयरलैंड के प्रति नीति `जेम्स द्वितीय के स्वेच्छाचारी शासन का प्रभाव स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर भी पड़ा था. उसने वहाँ भी ऊँचे-ऊँचे पदों पर कैथोलिकों की नियुक्ति की. आयरलैंड के प्रोटोस्टेंट भयभीत हो गए. स्कॉटलैंड में रोमन कैथोलिकों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई. इससे लोगों में असंतोष बढ़ा जिसके कारण आगे चलकर क्रांति संभव हो सकी. चुनाव में हस्तक्षेप जेम्स द्वितीय चुनाव में भी हस्तक्षेप करने लगा था. वह संसद के सदस्यों को नामजद (nominate) भी करने लगा था. वह अपने समर्थकों की संख्या संसद में बढ़ाना चाहता था. इससे संसद के सदस्य असंतुष्ट थे. सात पादरियों का मुकदमा जेम्स द्वितीय ने 1688 ई. में दूसरी घोषणा प्रकाशित की. उसने राज्य के प्रत्येक चर्च में इसे लगातार दो रविवारों को पढ़ने का आदेश दिया था. राजा की घोषणा की संसद की स्वीकृति प्राप्त नहीं थी. इसलिए राजा के आदेश को स्वीकार करना राजा की निरंकुशता को स्वीकार करना था. कैंटरबरी के आर्कविशप और छ: अन्य विशपों ने राजा के सामने एक आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर आदेश को वापस लेने की माँग की. जेम्स द्वितीय ने इनपर राजद्रोह का अभियोग लगाकर मुकदमा चलवाया. लेकिन न्यायालय ने विशपों को निर्दोष घोषित किया. इससे लोगों ने आनंद और उत्साह की लहर दौड़ गई. पुत्र का जन्म जैसा हमने ऊपर भी लिखा है कि जेम्स द्वितीय ने अपनी कैथोलिक पत्नी से एक पुत्र को को जन्म दिया. इससे लोगों को लगने लगा कि यह कैथोलिक हमेशा उनपर भविष्य में भी हावी ही रहेंगे. उन्हें विश्वास हो गया कि बच्चे का लालन-पालन कैथोलिक वातावरण में होगा और उसे कैथोलिक शिक्षा दी जाएगी. इस प्रकार जेम्स द्वितीय की मृत्यु के बाद कैथोलिक शासन चलता रहेगा. इस आसह्नका से ही लोग भयभीत हो गए. अब वे क्रांति के द्वारा ही कैथोलिक शासन का अंत कर सकते थे. क्रांति के परिणाम राजा की शक्ति में कमी आई. संसद के अधिकारों में वृद्धि हुई. क्रांति के बाद अनेक अधिनियम बने. धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया गया. नौ-सेना, स्थल सेना आदि के व्यय के ब्योरे और ऋण का अनुमान लगाया. न्यायालय को स्वतंत्रता मिली. फ़्रांस को पराजित कर इंग्लैंड ने एक नयी यूरोपीय नीति अपनाई. स्कॉटलैंड को क्रांति से सांविधानिक और राजनीतिक लाभ प्राप्त हुए. क्रांति का आयरलैंड पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ा. आयरलैंड का ऊन का व्यापार चौपट हो गया. 1688 ई. की क्रांति इंग्लैंड के इतिहास में एक युगांतकारी घटना थी. निरंकुश राजतंत्र की परम्परा समाप्त हो गयी और राजा को वैधानिक सीमा में जकड़ दिया गया. 1689 ई . में अधिकार-विधेयक पारित हुआ. इसके अनुसार, राजा संसद की सहमति के बिना न तो किसी कानून को स्थगित कर सकता था, न किसी नए कानून को लागू कर सकता था, न नया कर लगा सकता था और न किसी व्यक्ति की सजा माफ़ कर सकता था. यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि कैथोलिक या कैथोलिक स्त्री से शादी करने वाला कोई भी व्यक्ति इंग्लैंड की गद्दी का अधिकारी नहीं होगा. निरंकुश राजतंत्र की जगह नियमानुमोदित शासन की स्थापना हुई. संसद की शक्ति बढ़ी. वह राजसत्ता पर नियंत्रण रखने लगी और राजकोष पर उसका एकमात्र अधिकार हो गया. संसद ने विद्रोही-कानून पास किया गया. इससे सेना पर संसद का नियंत्रण हो गया. त्रैवार्षिक कानून पास कर हर तीसरे वर्ष पर संसद का निर्वाचन अनिवार्य कर दिया गया. सहिष्णुता-कानून पास कर सभी प्रोटेस्टेंट सम्प्रदायों को धार्मिक स्वतंत्रता दी गयी. 1701 ई. में उत्तराधिकार निर्णायक कानून बना. इसके अनुसार ये तय हुआ कि इंग्लैंड का राजा प्रोटेस्टेंट ही होगा. कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिका पर संसद का पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया. अब राजा की जगह संसद संप्रभु हो गया. राजा की निरंकुशता समाप्त हो गई और संसद की संप्रुभता स्थापित हुई. विश्व इतिहास इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi widow by Dr. Sajiva on July 28, 2017View all posts by Dr. Sajiva → Share this with your friends:WhatsAppTweet Related 4 Responses to "इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति -Glorious Revolution 1688 in Hindi" Dharmendra yadav September 28, 2018 at 3:30 pm Sir apka pura history ka notes kaise milega upsc optional ke liye Reply SACHIN pandey July 9, 2018 at 6:16 pm Very nice…… Reply alokkumar July 28, 2017 at 2:13 pm sir ias ke liye kon kon se typesetting read krni pdegii Reply Sansar Lochan July 28, 2017 at 10:15 pm Read typesetting list>>> Reply Leave a Reply Cancel Reply Your email write will not be published. Notify me of follow-up comments by email. Notify me of new posts by email. This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your scuttlebutt data is processed. Subscribe to Blog via Email Enter your email write to subscribe to this blog and receive notifications of new posts by email. EmailWrite[Sansar Editorial] भारत और नेपाल के बीच सम्बन्ध : India-Nepal Relations in Hindi [Sansar Editorial] भारत और तिब्बत के बीच सम्बन्ध : Indo-Tibet Relationship in Hindi [संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Polity GS Paper 2/Part 8 [Sansar Editorial] चीन की बढ़ती ताकत और South Pacific Silk Road पर उसका दबदबा [संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Polity GS Paper 2/Part 4 भारत का पड़ोसी देशों के साथ नदी जल सम्बन्ध – India’s Water Relations with Neighbors भारत का पड़ोसी देश के साथ कूटनीतिक सम्बन्ध – India’s Diplomatic Relationship with her Neighbors [Sansar Editorial] भारत और आसियान के 25 साल – ASEAN 2018 Highlights पंचशील समझौता क्या है? Panchsheel Treaty in Hindi आइये जानते हैं क्या होती है सर्जिकल स्ट्राइक? Surgical Strike in Hindi पाकिस्तान से Most Favoured Nation (MFN) का दर्जा वापस लेने का मामला सिन्धु जल संधि एवं इसका सामरिक महत्त्व – Sindhu River Treaty Conflict in Balochistan: Indo-Pak Issues & China Angle in Hindi Background and details of Nepal New Constitution हिंदी में पढ़ें Recent Comments Chintan zaad on 2018 QUIZ :- Sansar Current Affairs, 06 September – 12 SeptemberKumar Bhanu Ranjan Jha on राज्यपाल से सम्बंधित विवरण : Governor of India in HindiRajesh yadav on संयुक्त राष्ट्र संघ के विषय में जानें – United Nations in HindiRavi prasad on Five Years UPSC Essay – निबंध [2014 – 2018] Download PDFRanjit on Sansar डेली करंट अफेयर्स, 29 September 2018 पॉलिटी इतिहास अर्थव्यवस्था भूगोल Sansar Lochan Now in English Also UPSC 2018 GS Paper 4 – Ethics Questions Download in PDF[Case Study] Ethics Part 6 – UPSC Solved Questions[Case Study] Ethics Part 5 – UPSC Solved Questions[Case Study] Ethics Part 4 – Solved Questions with Explanation[Case Study] Ethics Part 3 – Three Practice Questions with Answers[Case Study] Ethics Part 2 – Two Sample Questions with Answers[Case Study] Ethics Part 1 – Two Model Questions with AnswersCauvery Verdict – Constitutional Provisions for Inter-State Water DisputesInter-State Council – Background and Composition (Article 263)The Nature and Significance of Writs in India with Examples © 2018, ↑ Sansar Lochan वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् | Powered by WordPress - Gabfire Themes